भोपाल । दुनिया में छाई कोरोना वायरस की दहशत से मध्यप्रदेश भी नहीं बच पाया है। प्रदेश में हर दिन 60 से 70 लोग कोरोना प्रभावित देशों से लौटकर मप्र आ रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि प्रदेश में अभी इस बीमारी का कोई मरीज नहीं मिला है, इसलिए यहां वह सुरक्षित रहेंगे। विदेशों से आने वाल यात्रियों को लेकर स्वास्थ्य महकमे के सामने नई चुनौती आ गई है। विभाग को इन्हें खोजने में पसीना आ रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय से ऐसे लोगों की जो सूची मप्र को भेजी जा रही है, उसमें सालों पुराने पते व फोन नंबर लिखे हैं। कई लोगों के नंबर बंद हो गए हैं या बदल गए हैं। अभी प्रदेश में कोरोना वायरस के दो और संदिग्ध मिले हैं। इसके साथ ही अब तक मिले संदिग्धों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। जांच के लिए इनके सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेजे गए थे। इनमें 19 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बाकी दो की रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है। चीन के वुहान शहर में मरीज मिलने के बाद पहली बार 7 जनवरी को कोरोना वायरस की पहचान हुई थी। लगभग दो महीने में यह बीमारी 94 देशों में पहुंच चुकी है।
कोरोना से प्रभावित देशों में रह रहे मप्र के लोग अब वहां से भाग रहे हैं। पिछले दो महीने में सिर्फ 446 लोग लौटे थे। पिछले तीन दिन में 265 लोग आ चुके हैं। इनमें 85 नए लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग को रविवार को मिली है। नागरिक उड्डयन विभाग से विदेश से आने वाले यात्रियों की सूची मिलती है। इसमें पता व फोन नंबर पासपोर्ट के अनुसार होता है। अपडेट पता व फोन नंबर नहीं होने से इन्हें खोजने में परेशानी होती है। स्वास्थ्य संचालनालय की तरफ से जिलेवार यात्रियों की सूची छांटकर सीएमएचओ को भेजी जाती है। सूची मिलने के दो-तीन दिन में स्वास्थ्य महकमा इन्हें खोज पा रहा है। इन्हें अपने घरों में ही 28 दिन अलग रहने को कहा जा रहा है। सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस में तकलीफ होने पर फौरन सूचना देने को कहा गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) एम्स भोपाल व जबलपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ को कोरोना की जांच के लिए मंजूरी दे दी है। किट भी यहां पर उपलब्ध करा दी गई। एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने किट उपलब्ध होने की पुष्टि की है। अब यहां भी जांच कराई जा सकेगी। इस बारे में प्रदेश के स्वाथ्य मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि कोरोना वायरस का अभी कोई भी केस प्रदेश में नहीं है। कई लोगों ने प्रभावित देशों की यात्रा भी नहीं की है फिर भी साधारण सर्दी-जुकाम को कोरोना समझ रहे हैं। डरने की नहीं सावधानी रखने की जरूरत है।
